''कृष्ण प्रणामी धर्म''- एक सनातन धर्म
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सनातन का अर्थ है, जो शाश्वत हो। सदा के लिए सत्य हो जिन बातो का शाश्वत महत्व हो वही सनातन कही गई है । जैसे- सत्य सनातन है, परमात्मा सत्य है, आत्मा सत्य है, अखण्ड मोक्ष सत्य है ।मनुष्य का परम उद्देश्य उस परम सत्य को जानना उसको प्राप्त करना वह सत्य जिसे मनुष्य जानना चाहता है, जिसे वह पाना चाहता है उसी सत्य के मार्ग को बताने वाला धर्म सनातन धर्म है।आज विश्व में अनेकों धर्म और सम्प्रदायों का प्रचलन है किन्तु उन सभी धर्म और सम्प्रदायों मूल में एक मात्र सनातन धर्म है अर्थात दूसरेशब्दों में कह दिया जाए मूल धर्म तो सनातन धर्म है; हिन्दु ,मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी आदि सनातन धर्म के सम्प्रदाय मात्र है।
सनातन धर्म एकेश्वरवादी है। इस संदर्भ वेदों का कथन है-
''एको ब्रह्म द्वितीय नास्ती ।''
ब्रह्म एक है, अर्थात वह परमात्मा एक ही है, इसके अलावा कोई दूसरा ईश्वर नहीं।कुछ इसी प्रकार का मत कुरान का भी है-
'' ला ईलाह ईल अल्लाह ''
वह अल्लाह एक ही है, उसके अलावा दूसरा कोई माबूद नहीं ।बाईबल भी इसी प्रकार के मत का पोषण करती है, अतः यदि हम सनातन धर्म अर्थात परमात्मा के धर्म का अनुपालन करते है तो हमें बहुदेव वाद, अवतार वाद, पैगम्बरों, तिर्थंकरों आदि के स्थान पर परब्रह्म परमात्मा को स्थापित करना होगा ।क्योंकी हमारें आदि ग्रन्थ जिसके बारे में हमार सर्वमान्य मत है कि वे परमात्मा कि वाणी है,वेदों के बारे मे कथन है- चार ॠषि जब हिमालय की गुफाओं मे तपस्या मे लिप्त थे तब उनके कानो ने इस वाणी(वेदों) को सुना कुरान शरीफ भी खुदा की आवाज है जब हजरत मुहम्द साहब 'गार ए हिरा' में इबादत कर रहें थे तब उनकें कानों ने कुरान की आयतें सुनी , बाईबल के बारें में भी कुछ इसी तरह की अवधारणा प्रचलित है, वह परमात्मा से प्रेरित फांट है, तथा इन सभी धर्म ग्रन्थों मे परमात्मा ने अपने अवतरण और ब्रह्म विषयक गुढ रहस्यों को समय समय पर फरिश्तों के माध्यम से अंकित करवाया है ।प्रायः सभी धर्म ग्रन्थों नें परमात्मा के अवतरण की भविष्यवाणियां नियत तिथियों के व उनके अवतरण की निशानियों के साथ के साथ है। हिन्दु धर्म शास्त्रों का मत का मत है विजियाभिनंदन प्रकट होंगें वह निश्कंलक होगें कलयुग के प्रभाव को नष्ट करेगें, कुरान शरीफ कह्ता है- कयामत के समय खुदाताला स्वयं इमाम मेंहदी केरूप मे जाहिर होगें व तोहीद राह (एक खुदा कि पूजा )का प्रचार करते हूए सत्य धर्म की स्थापना करेंगें, बाईबल क मत भी इसी प्रकार का है-ईसा मसीह पुनः अवतरित होगें व सत्य धर्म की स्थापना करेंगें , यहूदियों का मानना है कि , अन्तिम घडी में मूसा पैगम्बर आयेंगें तथा उसकें द्वारा समस्त जीवों कों मुक्ति मिलेगी अतः समस्त धर्म ग्रन्थों की भविष्यवाणियों के अनुरूप विश्व धर्म की स्थापना हैतु व अखंड मुक्तिदाता के रूप मे स्वलीला द्वैत सम्पन्न महामती श्री प्राणनाथ का प्रादुर्भाव सत्रहवी शताब्दी में हुआ उनका मूल नाम मिहिर राज था मिहिर का अर्थ संस्कृत व अरबी दौनों भाषा मे सूर्य होता है,तथा राज अर्थात ''राजते स्वयं प्रकाशित यः स राजः '' अर्थात अनादि अक्षरातीत पूर्णब्रह्म श्री राज परम धाम (लाहुत /अर्शु अजीम /upper heaven /own land )से अवतरित हुए । कुरान मे स्पष्ट शब्दों मे उल्लेखित किया गया है कयामत के समय खुदा की साक्षी देने वाला स्वयं खुदा ही होगा ।
श्री प्राणनाथ जी ने तारतम वाणी से जो कि पूर्णब्रह्म सच्चिदानंद स्वरूप अक्षरातीत परमात्मा का साक्षात स्वरूप है के माध्यम से विश्व के समस्त धर्मों के गुढ अभिप्रेत अर्थ तथा मुक्तात हराफ(जिन शब्दों पर परमात्मा का ताला /कुफल लगा है) उन्है खोला । कुरान मे स्पष्ट शब्दों में कहा गया जो इन भेंदों को स्पष्ट करे उसे ही अल्लाह समझना ।महामती प्राणनाथ जी ने तारतम सागर / कुलजम स्वरूप ग्रन्थ जो कि परब्रह्म तथा उनके अखण्ड धाम व उनकी लीलओं का ज्ञान देने वाली ब्रह्मवाणी (साक्षात परमात्मा अक्षरातीत प्राणनाथ जी के मुखारविन्द से अवतरित ) ''इलम ए लदुन्नी'' है। यह ब्रह्मवाणी अखण्ड मोक्ष प्रदायनी है। तथा उनके द्वार स्थापित धर्म जिसे कृष्ण प्रणामी धर्म या निजानंद धर्म के नाम से भी जाना जात है वह सम्पूर्ण संसार का वैमनस्य मिटाकर सत्य धर्म की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करता है-
''कलंक रहित सतधर्म आप्यो, ज्ञान खड्क लखि कलयुग कांपयो ।
निजानंद धर्म निष्कलंक को जो इह, जीव सकल को परम पद देहि ॥
अर्थात आत्म ( निजानंद) धर्म के अलावा कोई अलग धर्म अथवा सम्प्रदाय नही है अपितु सब धर्मो की सामुहिक पहचान -कुल जम सरूप है और समस्त जीवों को शाश्वत मुक्ति क अधिकारी बनाएगा ।
प्रेम प्रणाम जी
chutiyapaa religion ke naam par
ReplyDeleteकुछ जाने बिना कुछ मत बोला करो
Deleteलोगो से पहले भी कुछ था और जब सृष्टि नही होगा तो भी कुछ रहेगा
totally miguide to hindu people.
ReplyDeleteश्री कृष्णजीका व्रज रासका वाद फिर कलियुगमें संसारमें जाहेर हुए है ।
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